Rajasthan: जोधपुर में 7 दिन बाद पाइपलाइन लीकेज हुआ बंद, अब सेना के जवान निकालेंगे खेतों में बहा लाखों लीटर पानी

जोधपुर : राजस्थान के जोधपुर जिले में बीते 7 दिनों से जारी पाइपलाइन लीकेज संकट आखिरकार मंगलवार देर रात खत्म हो गया। तख्तसागर से पानी की आपूर्ति करने वाली पुरानी पाइपलाइन में हुआ छोटा सा लीकेज एक भीषण जल संकट और किसानों के नुकसान का कारण बन गया।

लीकेज को बंद करने में सेना के जवानों ने अहम भूमिका निभाई। लोहे की बॉल और रेत के कट्टों की मदद से उन्होंने पाइपलाइन की मरम्मत में सहयोग किया। हालांकि, लीकेज के कारण करीब 85 बीघा खेतों में लाखों लीटर पानी बह गया, जिससे किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं।


अब सेना कर रही है निकासी

सेना के जवान अब मोटर पंपों की सहायता से खेतों में भरे पानी को निकालने का काम कर रहे हैं। इलाके के किसानों ने बताया कि इस पानी ने फसलों को पूरी तरह डुबो दिया है, जिससे उनका हजारों का नुकसान हुआ है।


पानी की सप्लाई पर असर

लीकेज के चलते जोधपुर के कई हिस्सों में पानी की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।

  • लोगों को महंगे दामों पर टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है।

  • पीने के पानी की कमी के चलते हाहाकार जैसी स्थिति बन गई है।


जलदाय विभाग पर लापरवाही के आरोप

स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इस संकट के लिए जलदाय विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।

  • लीकेज की जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई नहीं की।

  • पुरानी पाइपलाइन की स्थिति की अनदेखी से यह संकट और गहरा गया।

राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने कहा कि यह पाइपलाइन आज़ादी से पहले की है, लेकिन विभाग के अधिकारियों को इसकी तकनीकी जानकारी नहीं थी। इसी कारण समस्या का समाधान देर से हुआ।


मुख्यमंत्री करेंगे समीक्षा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बुधवार को इस पूरी घटना की समीक्षा करेंगे।

  • सांसद राजेंद्र गहलोत ने उन्हें किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग के साथ पत्र लिखा है।

  • माना जा रहा है कि फसल नुकसान और जल प्रबंधन की स्थिति पर बैठक में विचार किया जाएगा।


किसानों की मांग: मुआवजा और समाधान

  • लीकेज की वजह से जिन किसानों की फसलें डूबी हैं, उन्हें मुआवजा दिए जाने की मांग उठ रही है।

  • प्रभावित गांवों में सर्वे टीम भेजे जाने की भी जरूरत है, ताकि सही आंकलन हो सके।


निष्कर्ष:

एक छोटा लीकेज अगर समय पर रोका न जाए, तो वह एक बड़ा प्रशासनिक और मानवीय संकट बन सकता है – जोधपुर की यह घटना इसका उदाहरण है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस संकट से सबक लेकर भविष्य के लिए सतर्कता अपनाएगी?

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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