जयपुर: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के ASP सुरेंद्र कुमार शर्मा और उसके दो दलालों के खिलाफ खुलती जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। एसीबी की टीम ने इन तीनों को टेक्निकल सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया। ASP सुरेंद्र, जो खुद भ्रष्टाचारियों को पकड़ने के लिए तैनात था, महीनों से रिश्वतखोरी के बड़े खेल में शामिल था।
जांच में सामने आया है कि सुरेंद्र शर्मा न केवल अधिकारियों से रिश्वत लेता था, बल्कि उन्हें धमकाने से भी पीछे नहीं हटता था। उसने कई अधिकारियों से कहा था, "अगर मंथली नहीं दी, तो सर्जिकल स्ट्राइक हो जाएगी।" ऐसे तेवर दिखाकर वह अफसरों को दबाव में रखता और मनचाही रकम वसूलता था।
ASP सुरेंद्र के एक दलाल को जयपुर के एक होटल में दूसरी महिला के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया। इस दलाल के पास से नकद रुपये, संदिग्ध दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ भी जब्त किए गए। ACB की टीमें इन इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की गहन जांच कर रही हैं।
एसीबी ने खुद के विभाग के भ्रष्ट अधिकारी पर कार्रवाई करते समय पूरी गोपनीयता बरती। ASP सुरेंद्र पिछले दो महीनों से ACB की रडार पर था, लेकिन गिरफ्तारी तक इस बात की भनक तक किसी को नहीं लगने दी गई। यहां तक कि उसके रिटायरमेंट में केवल 40 दिन बचे थे।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सुरेंद्र शर्मा के नेटवर्क के जरिए लगभग 50 अफसरों और कर्मचारियों से मंथली वसूली की जा रही थी। एसीबी अब इन अफसरों की भूमिका की भी जांच कर रही है और आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में गिरफ्तारी या निलंबन की संभावना जताई जा रही है।
जो अफसर भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए तैनात था, वही सिस्टम को भीतर से खोखला कर रहा था। ASP सुरेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार केवल बाहर से नहीं, भीतर से भी लड़ने की जरूरत है। अब देखना होगा कि एसीबी इन खुलासों के बाद कितनी गहराई तक जाकर सफाई करती है।
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