जयपुर। भारत के सबसे कुख्यात सीरियल किलर्स में से एक डॉ. देवेंद्र शर्मा (67) को राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार किया गया है। उस पर 100 से अधिक हत्याएं और 125 किडनी निकालकर बेचने जैसे संगीन आरोप हैं।
यह मामला 20 साल पहले जयपुर में हुए दो टैक्सी ड्राइवरों की हत्या से सामने आया था। शुरुआती जांच में जब पुलिस को टैक्सियों के गायब होने और ड्राइवरों के लापता होने की खबर मिली, तभी यह खौफनाक चेहरा बेनकाब हुआ।
पूछताछ के दौरान डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने पुलिस को बताया,
“मैंने 100 से ज्यादा लोगों को मारा है। मुझे मारने में मजा आता है। ये मेरे लिए काम नहीं, शौक था।”
पुलिस के अनुसार, वह बेहद चालाकी से वार करता था और अपने हर मर्डर को प्लानिंग के साथ अंजाम देता था।
डॉ. शर्मा दिल्ली, यूपी, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों में अवैध अंग प्रत्यारोपण रैकेट चला रहा था। वह गरीब लोगों को बहला-फुसलाकर उनकी किडनी निकालता और उसे अमीर मरीजों को मोटी रकम लेकर बेच देता था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसने 125 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कराए, जिनमें से अधिकतर अवैध थे।
डॉ. शर्मा अपने गिरोह के साथ मिलकर दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों से टैक्सी बुक करता था। सुनसान जगह पर ले जाकर ड्राइवर की हत्या कर देता और टैक्सी को नेपाल या अन्य राज्यों में बेच देता।
2002 में जयपुर के दो टैक्सी ड्राइवरों की हत्या से इसका राजफाश हुआ था। उसी केस ने पहली बार पुलिस को इस कातिल डॉक्टर की तरफ संकेत दिया।
हाल ही में दौसा पुलिस को इनपुट मिला कि देवेंद्र शर्मा एक नए नाम से इलाके में रह रहा है। तकनीकी निगरानी और पुराने फिंगरप्रिंट डेटा की मदद से उसे पकड़ लिया गया।
राजस्थान पुलिस के अनुसार,
“यह भारत के इतिहास का सबसे सनसनीखेज अपराधी है। जिस शांति से वह लोगों की जान लेता था, वह उसके अंदर के शैतान को दिखाता है।”
डॉ. देवेंद्र शर्मा का मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि कैसे शिक्षा और मेडिकल प्रोफेशन में रहकर भी कोई इंसान दरिंदा बन सकता है। देश की सुरक्षा एजेंसियां अब उसके संपर्क में रहे लोगों और रैकेट के नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।
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