राजस्थान: कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हों तो हालात भी रास्ता देते हैं। यह सच कर दिखाया राजस्थान के एक छोटे से गांव के मजदूर के बेटे ने, जिसने RBSE 12वीं विज्ञान वर्ग में 99% अंक लाकर जिला टॉपर बनने का गौरव हासिल किया। इस कामयाबी ने न सिर्फ उनके परिवार को, बल्कि पूरे गांव को गर्व से भर दिया।
छात्र ने बताया कि उसके पिता की कुछ साल पहले एक हादसे में मौत हो गई थी। घर की माली हालत कमजोर थी। मां दूसरों के घरों में काम करती थीं, लेकिन उसने हार मानने के बजाय पढ़ाई को अपना हथियार बनाया। कई बार भूखे पेट भी स्कूल गया, लेकिन कभी क्लास मिस नहीं की।
छात्र ने बताया कि स्कूल से आने के बाद खेत में काम करता था और फिर रात को दीये की रोशनी में पढ़ाई करता था। मोबाइल नहीं था, कोचिंग का सपना भी नहीं देख सकता था। लेकिन उसके अंदर एक जुनून था—“पढ़ लिखकर कुछ बनना है।”
जब RBSE 12वीं का रिजल्ट आया और 99% अंक के साथ उसका नाम टॉपर की सूची में आया, तो गांववालों ने खुद डीजे मंगवाया और बधाई में ढोल-नगाड़े बजाए। पड़ोसी नाचे, मिठाई बांटी गई, और मां की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।
मां ने कहा:
"मेरे बेटे ने हमारे टूटे हुए सपनों को फिर से जोड़ दिया है। अब लगता है कि उसके पापा जहां भी होंगे, बहुत खुश होंगे।"
छात्र का सपना है कि वह आगे चलकर ISRO या DRDO में वैज्ञानिक बने। इसके लिए वह अब IIT की तैयारी कर रहा है, और सरकार या समाज से एकमात्र उम्मीद है—"सिर्फ पढ़ने का मौका मिल जाए।"
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