ऑपरेशन सिंदूर : को लेकर उठे राजनीतिक तूफान के बीच भाजपा ने कांग्रेस पर करारा पलटवार किया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि पाकिस्तान को भारत की सैन्य मूवमेंट की जानकारी देने का "समझौता" 1994 में कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था। उन्होंने कहा कि "अगर देशद्रोह की बात हो रही है तो सबसे पहले कांग्रेस पर केस दर्ज होना चाहिए।"
बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को दी गई संभावित जानकारी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि "सरकार ने दुश्मन देश को क्यों बताया कि हम सैन्य कार्रवाई करने जा रहे हैं?"
इसके जवाब में निशिकांत दुबे ने कहा:
"राहुल गांधी को इतिहास पढ़ना चाहिए। 1994 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब एक आपसी समझौते के तहत पाकिस्तान से यह तय हुआ था कि दोनों देश अपनी सैन्य मूवमेंट की जानकारी एक-दूसरे से साझा करेंगे। अब वही कांग्रेस सवाल उठा रही है!"
भाजपा का दावा है कि 1994 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक "Confidence Building Measure (CBM)" के तहत यह तय हुआ था कि:
सीमा पर बड़ी सैन्य गतिविधियों की सूचना पहले से दी जाएगी।
यह कदम सीमित युद्धों और गलतफहमियों को रोकने के लिए उठाया गया था।
लेकिन भाजपा इसे आज के परिप्रेक्ष्य में "देशद्रोह" का रूप मान रही है।
निशिकांत दुबे ने संसद में खुलकर कहा:
"राहुल गांधी और कांग्रेस को देशद्रोह की परिभाषा समझनी चाहिए। अगर पाकिस्तान को जानकारी देना देशद्रोह है, तो इसकी शुरुआत उन्होंने खुद की थी। हम मांग करते हैं कि उस समय के फैसलों की जांच हो और ज़रूरत हो तो केस दर्ज किया जाए।"
इस बयान पर कांग्रेस की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन राजनीतिक हलकों में यह बयान फिर से 1990 के दशक की विदेश और सुरक्षा नीति को चर्चा के केंद्र में ले आया है।
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