बनासकांठा/कच्छ | भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ (BSF) ने 23 मई की रात एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को गुजरात बॉर्डर पर मार गिराया। यह घटना बनासकांठा जिले के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा की है। शनिवार सुबह BSF ने इस ऑपरेशन की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह घुसपैठिया अवैध तरीके से भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था।
बीएसएफ के अनुसार, जवानों ने रात में गश्त के दौरान एक संदिग्ध को इंटरनेशनल बॉर्डर पार करते देखा। उसे रोकने के लिए पहले चेतावनी दी गई, लेकिन वह नहीं रुका। जवाबी कार्रवाई में घुसपैठिए को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके पास से कुछ संदिग्ध दस्तावेज और पाकिस्तानी मुद्रा भी बरामद की गई है।
इस घटना के कुछ घंटों बाद एक बड़ा खुलासा कच्छ जिले से हुआ। सुरक्षा एजेंसियों ने एक स्थानीय युवक को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान को सीमा से जुड़े संवेदनशील इलाकों की तस्वीरें और सूचनाएं भेज रहा था। सूत्रों के अनुसार, यह व्यक्ति सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैट के माध्यम से पाक खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा हुआ था।
हालांकि घटना गुजरात की है, लेकिन राजस्थान के जैसलमेर से भी इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आया, जिसमें बीएसएफ जवान बॉर्डर पर चौकसी करते नजर आ रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तानी घुसपैठ के खतरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पहले से सतर्क थीं।
इस ताजा घुसपैठ और जासूसी कांड ने एक बार फिर से देश की सीमा सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
आखिर कब तक पाकिस्तान से घुसपैठ और जासूसी की घटनाएं होती रहेंगी?
स्थानीय युवकों का जासूसी में शामिल होना क्या हमारी आंतरिक सुरक्षा में सेंध नहीं है?
क्या भारत सरकार को सीमा से लगे इलाकों में साइबर निगरानी और जनजागरूकता अभियान नहीं चलाने चाहिए?
बीएसएफ की इस कार्यवाही ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया है, लेकिन साथ ही यह घटना इस बात की भी याद दिलाती है कि सीमा पार से खतरा कभी खत्म नहीं होता। सुरक्षा एजेंसियों को लगातार सतर्क रहना होगा और आम जनता को भी राष्ट्रहित में सतर्कता और जिम्मेदारी दिखानी होगी।
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