जयपुर | राजस्थान की राजधानी जयपुर में साइबर अपराध के शिकार लोगों को मानसिक और कानूनी सहायता देने के उद्देश्य से साइबर सपोर्ट सेंटर की शुरुआत की गई है। यह केंद्र जयपुर कमिश्नरेट कार्यालय परिसर में स्थापित किया गया है, जो राज्य में अपनी तरह का एक अनूठा मॉडल बनकर उभरा है।
साइबर अपराध के मामले जैसे ओटीपी धोखाधड़ी, सोशल मीडिया ब्लैकमेलिंग, फर्जी लिंक से ठगी, आदि में आम जनता को कई बार भारी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इस प्रकार के अपराधों के बाद ट्रॉमा और अवसाद में चले जाते हैं।
इस सेंटर के माध्यम से ऐसे पीड़ितों को मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग, कानूनी मार्गदर्शन, और साइबर सुरक्षा जागरूकता उपलब्ध कराई जाएगी।
सेंटर में नियुक्त प्रशिक्षित काउंसलर्स और साइबर एक्सपर्ट्स पीड़ितों की मानसिक स्थिति को समझते हुए, उन्हें सही सलाह और सहायता देंगे।
"हमारा उद्देश्य केवल एफआईआर दर्ज करना नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी लोगों को संबल देना है,"
ऐसा कहा जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने।
सेंटर पर महिला साइकोलॉजिस्ट्स की टीम महिलाओं को सुरक्षित माहौल में बात करने का मौका देगी।
बच्चों के लिए विशेष सेशन आयोजित किए जाएंगे, जहां उन्हें साइबर सेफ्टी के टिप्स भी सिखाए जाएंगे।
सेंटर में पीड़ितों को अपने डिवाइस की जांच, डेटा रिकवरी, और फर्जी अकाउंट्स की रिपोर्टिंग आदि में भी मदद मिलेगी। इसके लिए एक विशेष तकनीकी सहायता डेस्क भी स्थापित की गई है।
स्थान: जयपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय परिसर
हेल्पलाइन: 1930 (24x7 साइबर हेल्पलाइन)
वेबसाइट: cybercrime.gov.in
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