राजस्थान: की राजधानी जयपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जयपुर सेंट्रल जेल में बंद चार खतरनाक बदमाशों को इलाज के नाम पर जेल से बाहर निकालकर, पुलिस, जेल प्रशासन और डॉक्टर की मिलीभगत से शहर के होटलों में मौज मस्ती के लिए भेजा गया। वहां ये चारों महिला मित्रों के साथ आपत्तिजनक हालत में पाए गए।
इस पूरे मामले का भंडाफोड़ तब हुआ जब CST (Crime Surveillance Team) को गुप्त सूचना मिली और उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए बदमाशों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
सूत्रों के मुताबिक, चारों कैदियों ने जेल में रहते हुए नकली बीमारी का नाटक किया। इसके बाद कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और जेल स्टाफ ने मेडिकल बोर्ड के जरिये उन्हें बाहर इलाज के लिए भेज दिया। लेकिन अस्पताल पहुंचने की बजाय ये सीधे जयपुर के दो होटलों में जाकर महिला मित्रों के साथ समय बिताने लगे।
CST को जैसे ही खुफिया जानकारी मिली, उन्होंने दो होटलों पर छापा मारा। वहां चारों कैदी अपने-अपने साथी और महिला मित्रों के साथ मौजूद थे। टीम ने उन्हें आपत्तिजनक हालत में गिरफ्तार कर लिया और सभी को पुनः हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
इस मामले में न सिर्फ कैदी दोषी हैं, बल्कि जेल प्रशासन, डॉक्टर और पुलिस स्टाफ की मिलीभगत भी सामने आई है। जांच में पाया गया कि उन्होंने जानबूझकर झूठी मेडिकल रिपोर्ट बनवाई और कैदियों को बिना उचित सुरक्षा और निगरानी के जेल से बाहर भेज दिया।
पुलिस अधीक्षक ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चार पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया है। साथ ही पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, जेल के एक उच्चाधिकारी और दो डॉक्टरों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।
जयपुर पुलिस आयुक्त ने कहा,
"यह एक गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला है। हमने कार्रवाई शुरू कर दी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी संभव है।"
राजस्थान की जेल व्यवस्था पर इस घटना ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इलाज के नाम पर कैदियों की मौज-मस्ती और उसमें प्रशासनिक सहयोग कहीं न कहीं सिस्टम की गिरावट को उजागर करता है। अगर समय रहते CST टीम कार्रवाई नहीं करती, तो ये बदमाश किसी बड़ी वारदात को भी अंजाम दे सकते थे।
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