नई दिल्ली | रक्षा डेस्क: भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को भारत में निर्मित होने वाले 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान - एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (AMCA) के प्रोडक्शन मॉडल को मंजूरी दे दी है। यह लड़ाकू विमान 2025 तक उपलब्ध हो सकता है और इसके निर्माण में निजी कंपनियों की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) एक स्टील्थ तकनीक से लैस, मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) मिलकर विकसित कर रहे हैं।
70,000 किलो वजन उठाने की क्षमता
स्टील्थ तकनीक, जिससे यह रडार की पकड़ में नहीं आएगा
सुपरक्रूज़ क्षमता: बिना आफ्टरबर्नर के भी ऊंची गति बनाए रखेगा
दो इंजन, उच्च प्रदर्शन और फुर्ती के लिए
मल्टीरोल: एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में सक्षम
सरकार का लक्ष्य है कि AMCA को भारतीय वायुसेना (IAF) और भारतीय नौसेना (IN) दोनों में तैनात किया जाए। इसके साथ ही यह भारत को 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शामिल करेगा।
सरकार ने घोषणा की है कि AMCA के निर्माण में प्राइवेट सेक्टर को भी सक्रिय भागीदार बनाया जाएगा। इससे न केवल निर्माण में तेजी आएगी, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन और रोजगार के अवसरों को भी बल मिलेगा।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, AMCA का प्रोटोटाइप 2025 तक उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से इसका उत्पादन और तैनाती की जाएगी।
AMCA न केवल एक आधुनिक फाइटर जेट है, बल्कि यह भारत के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों का प्रतीक भी है। इसकी तैनाती से भारत को न सिर्फ अपनी सीमाओं की सुरक्षा में मजबूती मिलेगी, बल्कि यह रक्षा निर्यात के नए रास्ते भी खोलेगा।
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