जयपुर: राजधानी जयपुर में लगातार बढ़ती गर्मी और लू से राहत की कामना को लेकर बुधवार को स्वेज फार्म स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में विशेष "पर्जन्य यज्ञ" का आयोजन किया गया। यह अनुष्ठान भारतीय परंपरा के अनुरूप वर्षा देवता को प्रसन्न करने के उद्देश्य से संपन्न हुआ।
इस विशेष यज्ञ में 11 वेदपाठी पंडितों ने भाग लिया। उन्होंने बर्फ और ठंडे जल से भरे पात्रों में बैठकर वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया और विशेष हवन सामग्री के साथ आहुतियां दीं। यह प्रक्रिया करीब तीन घंटे तक चली। आयोजन स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी उमड़ी रही।
अनुष्ठान के दौरान पंडितों ने पर्जन्य देवता से जयपुर सहित सम्पूर्ण राजस्थान में शीघ्र वर्षा की प्रार्थना की। यज्ञ में विशेष रूप से आम, गूलर, बेलपत्र, चावल और घी जैसी शुद्ध सामग्री का प्रयोग किया गया। वहीं जल के प्रतीक स्वरूप बड़ी-बड़ी हांडियों में ठंडा जल भरा गया, जिससे वातावरण शीतल और ऊर्जावान बना रहा।
मंदिर समिति के संयोजक आचार्य रामगोविंद शास्त्री ने बताया कि
“मानव प्रयासों के साथ-साथ प्रकृति को भी साधने की परंपरा हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है। पर्जन्य यज्ञ प्रकृति के प्रति हमारी श्रद्धा और सामंजस्य का प्रतीक है।”
कार्यक्रम में शामिल श्रद्धालुओं ने भी गंगाजल का छिड़काव किया और यज्ञ की पूर्णाहुति में भाग लिया। सबने मिलकर आगामी दिनों में अच्छी और समय पर वर्षा होने की कामना की।
जयपुर की तपती गर्मी के बीच इस विशेष पर्जन्य यज्ञ ने लोगों के मन में आस्था और आशा दोनों का संचार किया है। वैज्ञानिकों की चेतावनी के बीच धार्मिक उपायों से राहत की उम्मीदें जाग उठी हैं। देखना होगा कि यह आध्यात्मिक प्रयास प्रकृति को कितना प्रभावित करता है।
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