जयपुर: राजस्थान के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन के खिलाफ अदालत में जमानत याचिका दायर करते हुए दावा किया है कि उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया जा रहा है। मंगलवार को ईडी मामलों की विशेष अदालत में इस याचिका पर सुनवाई हुई, लेकिन यह अधूरी रह गई।
अदालत में पेश दलीलों में महेश जोशी ने साफ किया कि उनके बेटे की कंपनी ने 50 लाख रुपये का लोन लिया था, जिसे समय पर पूरी तरह से लौटा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य कारोबारी लेनदेन था, लेकिन एक साल बाद ईडी ने उन्हें समन भेजकर मामले को तूल दे दिया।
जोशी ने कोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि
"राज्य में सरकार बदलते ही ईडी ने अचानक साल भर पुराने मामले को उठाया। इससे साफ है कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।"
प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने सुनवाई के दौरान मामले में और दस्तावेज पेश करने की बात कही, जिसके चलते विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई की अगली तारीख तय की। इस दौरान अदालत में महेश जोशी के अधिवक्ताओं ने कहा कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे जांच में सहयोग कर रहे हैं।
महेश जोशी राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुके हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। वे जयपुर शहर की सिविल लाइन्स विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। ऐसे में उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस खेमे में हलचल बनी हुई है।
महेश जोशी की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच, उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए दावा किया कि यह मामला "कर्ज लेकर चुकाने" की सामान्य प्रक्रिया को जबरन विवादित बना रहा है।
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