जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर कोरोना वायरस की वापसी का खतरा मंडराने लगा है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में कोरोना के दो नए वैरिएंट XFG और LF.7.9 की पुष्टि की है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को भेजे गए चार संदिग्ध मरीजों के सैंपल में ये दोनों वैरिएंट पाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जिन चार मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें से दो में XFG और दो में LF.7.9 वैरिएंट की मौजूदगी पाई गई है। इन सभी मरीजों में हल्के लक्षण पाए गए हैं और उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है।
राज्य में जयपुर को फिर से कोरोना का हॉटस्पॉट माना जा रहा है। यहां कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें जयपुर सहित आसपास के जिलों में निगरानी बढ़ा रही हैं और संदिग्ध मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है।
जयपुर मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया:
“नए वैरिएंट्स तेजी से फैलते हैं लेकिन इनमें घातकता कम है। लोगों को घबराने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है। मास्क का उपयोग करें, भीड़भाड़ से बचें और बुजुर्गों व बच्चों को विशेष रूप से सुरक्षित रखें।”
XFG और LF.7.9 वैरिएंट फिलहाल देश के पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में अधिक पाए जा रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह संक्रमण कुछ हफ्तों में और तेज़ी से फैल सकता है, इसलिए समय रहते सतर्कता जरूरी है।
राज्य सरकार ने सभी जिलों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने और स्वास्थ्य केंद्रों पर संभावित लक्षणों वाले मरीजों की जांच के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा RTPCR सैंपलिंग भी बढ़ाई जा रही है ताकि समय रहते संक्रमण को रोका जा सके।
राजस्थान में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि भले ही चिंता का विषय हो, लेकिन समय पर सतर्कता और सावधानी बरतकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है, अब आम लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
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