जयपुर। राजस्थान के माटीकला कामगारों के लिए एक नई और महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी मिल गई है। श्रीयादे माटी कला बोर्ड की पंचम बैठक बुधवार को जयपुर के उद्योग भवन में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता बोर्ड अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने की। इस बैठक में माटीकला कामगारों को बेहतर सुविधाएं और आधुनिक उपकरण मुहैया कराने की योजना पर मुहर लगी।
मुफ्त वितरण: योजना के तहत करीब 2000 विद्युत चाक (इलेक्ट्रिक व्हील) और मिट्टी गूंथने की मशीनें माटीकला कामगारों को निशुल्क प्रदान की जाएंगी।
आधुनिक प्रशिक्षण: इसके साथ-साथ माटीकला कलाकारों को आधुनिक तकनीकों और डिजाइन के प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे, ताकि उनकी उत्पादकता बढ़े और कला में निखार आए।
उत्पादन में सुधार: यह कदम राजस्थान की पारंपरिक माटीकला कला को नई पहचान दिलाने और कामगारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में मददगार साबित होगा।
श्रीयादे माटी कला बोर्ड की इस बैठक में माटीकला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अन्य रणनीतियों पर भी चर्चा की गई। बोर्ड अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने कहा कि राज्य सरकार हस्तशिल्प क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है और इस योजना से माटीकला कामगारों का जीवन स्तर बेहतर होगा।
राजस्थान की माटीकला कला देश-विदेश में अपनी अनोखी पहचान रखती है। मिट्टी से बने घरेलू और सजावटी सामानों की मांग बढ़ रही है, इसलिए इस क्षेत्र के कामगारों को आधुनिक संसाधन देना आवश्यक है ताकि वे प्रतिस्पर्धा में बने रहें।
माटीकला कामगारों को दिए जा रहे विद्युत चाक और मिट्टी गूंथने की मशीनों के साथ आधुनिक प्रशिक्षण से राजस्थान की माटीकला कला को नया आयाम मिलेगा। यह योजना माटीकला कलाकारों की कार्यक्षमता बढ़ाएगी और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएगी। इस पहल से राजस्थान की लोक कला और हस्तशिल्प क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी।
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