कानपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आतंकवाद और देश की सुरक्षा को लेकर स्पष्ट और तीखे शब्दों में संदेश दिया।
उन्होंने कहा, "दुश्मन चाहे देश के अंदर हो या बाहर, हम उसे कहीं भी जाकर खत्म कर देंगे।"
यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना हमले के संदर्भ में आया, जिसमें कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी शहीद हो गए थे।
मोदी ने अपने भाषण में शहीद शुभम द्विवेदी की बेटी ऐशन्या का विशेष रूप से उल्लेख किया।
"हमारी बेटियों के सिंदूर का जो आक्रोश है, उसे दुनिया ने देखा है। ऐशन्या की पीड़ा, उसका कष्ट और भीतर का आक्रोश, हम सबकी आत्मा को झकझोरता है," पीएम मोदी ने कहा।
प्रधानमंत्री ने भारत की सैन्य ताकत का ज़िक्र करते हुए कहा,
"आज भारत किसी भी हमले का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। जो कुछ साल पहले हमने किया, उसे पाकिस्तान की सेना कभी नहीं भूल सकती – वे गिड़गिड़ा रहे थे।"
उन्होंने कहा कि भारत की जवाबी कार्रवाई ने आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को डराने का काम किया है।
मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि
"आज की भारत सरकार बेटियों को सिर्फ बचाने वाली नहीं, बल्कि उन्हें शक्ति देने वाली सरकार है।"
उन्होंने देश की सभी माताओं-बहनों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके सम्मान के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने शहीदों को कभी नहीं भूलता।
"शुभम जैसे वीर सपूतों की कुर्बानी का बदला लिया जाएगा। आतंकवाद को जड़ से मिटाना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है," उन्होंने कहा।
मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब सिर्फ सहने वाला नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करने वाला राष्ट्र बन चुका है।
कानपुर से प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण सिर्फ एक राजनीतिक संबोधन नहीं, बल्कि देशवासियों के आत्मसम्मान, सुरक्षा और आक्रोश की भावनाओं की अभिव्यक्ति था।
भारत आज हर चुनौती का सामना करने को तैयार है — चाहे वह सीमा पार से हो या भीतर से।
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