जयपुर। 22 गोदाम सर्किल इलाके में सहकारिता मंत्री गौतम दक और सीनियर आईएएस मंजू राजपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों के पोस्टर लगाए जाने के मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला तब सामने आया जब नगर निगम हेरिटेज की सिविल लाइन जोन की टीम ने बिना अनुमति सरकारी होल्डिंग पर लगाए गए पोस्टर हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की।
नगर निगम की टीम ने सरकारी संपत्ति पर बिना अनुमति पोस्टर लगाने को नगर निगम एक्ट के तहत उल्लंघन माना है। इस मामले में अशोक नगर थाना पुलिस ने भी केस दर्ज कर जांच तेज कर दी है। पोस्टर में सहकारिता मंत्री गौतम दक और आईएएस मंजू राजपाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।
नगर निगम हेरिटेज ने साफ कर दिया है कि सरकारी संपत्तियों पर बिना अनुमति कोई भी विज्ञापन या पोस्टर लगाना गैरकानूनी है और ऐसे मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। प्रशासन ने यह भी कहा कि नियमों के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अशोक नगर पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि पोस्टर लगवाने वालों का पता लगाया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगे ऐसी घटनाएं न हों। इस घटना ने राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
जयपुर में मंत्री और आईएएस अधिकारी के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा पोस्टर विवाद तेजी से बढ़ रहा है। नगर निगम और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से यह साफ है कि सरकारी संपत्तियों पर अनधिकृत पोस्टर लगवाने वालों के खिलाफ कड़ाई बरती जाएगी। आगे इस मामले में और जांच और कार्रवाई होने की संभावना है।
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