जयपुर | कांग्रेस सरकार के दौरान सहकारी संस्थाओं में हुई भर्ती प्रक्रियाओं में कथित गड़बड़ियों को लेकर पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना पर ACB द्वारा कार्रवाई की संभावनाओं के बीच राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य वरिष्ठ नेता राज्यपाल से मिले।
राजभवन से बाहर आते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रेस को संबोधित करते हुए दावा किया कि “बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस की तरह कांग्रेस नेताओं को फंसाने और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की, लेकिन हम एकजुट हैं और ये चालें अब नहीं चलने वाली।”
जूली ने यह भी आरोप लगाया कि ACB के जरिए कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश हो रही है और यह सब राजनीतिक दबाव में किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को यह स्पष्ट किया कि अभी तक उनके पास आंजना से संबंधित कोई भी जांच या अभियोग की फाइल नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि वे संवैधानिक मर्यादाओं के तहत ही काम कर रहे हैं और किसी भी पार्टी की तरफ से प्रभावित नहीं होते।
कांग्रेस नेताओं ने ACB के महानिदेशक से भी मुलाकात कर यह जानकारी चाही कि क्या आंजना के खिलाफ कोई जांच लंबित है और क्या कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, ACB ने भी जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने का भरोसा दिलाया है।
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। बीजेपी का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और अगर गड़बड़ी हुई है तो कार्रवाई होनी ही चाहिए। वहीं कांग्रेस इसे बदले की राजनीति बता रही है।
उदयलाल आंजना पर ACB जांच की खबरों के बीच कांग्रेस नेताओं की सक्रियता से स्पष्ट है कि मामला सिर्फ कानूनी नहीं, राजनीतिक भी बन चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मामला वास्तव में ACB के शिकंजे में आता है या फिर सिर्फ एक और सियासी शोर बनकर रह जाएगा।
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