जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शेरगढ़ तहसील में खिरजा भोजा क्षेत्र से बनाए गए तीन नए राजस्व गांवों की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है। ये गांव व्यक्ति विशेष के नाम पर घोषित किए गए थे, जिनमें पृथ्वीराज सिंह नगर, लादानी नगर और हनुमत सिंह नगर शामिल थे।
मूल राजस्व ग्राम खिरजा भोजा के विभाजन से बने इन नए गांवों को लेकर याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि यह निर्णय विधायक के दबाव में लिया गया था। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा कि इस तरह की अधिसूचना गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ है।
हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए उक्त अधिसूचना को रद्द कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि व्यक्ति विशेष के नाम पर ऐसे नए राजस्व ग्राम बनाना उचित प्रक्रिया का पालन नहीं है और इससे प्रशासनिक व्यवस्था पर गलत प्रभाव पड़ता है।
सरकार ने इस मामले में दोबारा अधिसूचना जारी की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे भी अवैध करार देते हुए निरस्त कर दिया। कोर्ट ने निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी किसी भी प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित कानूनी मानदंडों का पालन किया जाए।
राजस्व ग्राम एक प्रशासनिक इकाई होती है, जिसका निर्माण कानून के तहत होता है। इसे बिना उचित कारण और प्रक्रिया के किसी व्यक्ति के नाम पर बनाना गलत माना जाता है।
इस मामले पर स्थानीय विधायक और प्रशासन के कुछ पदाधिकारियों ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि अदालत के फैसले से न्याय हुआ है और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने की जरूरत है।
राजस्थान हाईकोर्ट का यह फैसला प्रशासनिक अनुशासन और कानूनी प्रक्रिया के पालन का एक उदाहरण है। व्यक्ति विशेष के नाम पर राजस्व ग्राम बनाना न केवल गलत है, बल्कि इससे शासन-प्रशासन में अव्यवस्था भी बढ़ती है। इस फैसले से अन्य ऐसे मामले भी दुरुस्त होंगे।
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