जयपुर | राजस्थान की राजधानी जयपुर में साइबर ठगों ने ठगी का ऐसा हाई-टेक ड्रामा रचा कि पुलिस भी हैरान रह गई। 75 वर्षीय मानसरोवर निवासी संतोष कुमार को ठगों ने न सिर्फ एक झूठे अपराध का आरोपी बनाया, बल्कि एक पांच सितारा होटल के कमरे को कोर्टरूम में तब्दील कर दिया। फर्जी जज, वकील और पुलिस अधिकारी बनकर आरोपियों ने बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया और उससे 23.56 लाख रुपए ऐंठ लिए।
फर्जी कॉल:
संतोष कुमार को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल है।
डिजिटल अरेस्ट का डर:
ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि यदि वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
होटल बुलाया गया:
विश्वास में लेने के बाद, बुजुर्ग को जवाहर सर्किल स्थित एक फाइव स्टार होटल में बुलाया गया। वहां उन्हें बताया गया कि कोर्ट की सुनवाई इसी होटल के कमरे में होगी।
होटल रूम बना कोर्टरूम:
होटल रूम में पहले से मौजूद ठगों ने एक को जज, दूसरे को वकील, और एक को पुलिस अधिकारी बनाकर नाटक किया। कमरे में लैपटॉप, कैमरे और फाइलें लगाकर माहौल ऐसा बनाया गया जैसे असली कोर्ट चल रही हो।
पैसे ट्रांसफर करवाए गए:
पीड़ित को कहा गया कि वह निर्दोष साबित होना चाहता है तो जमानत और केस क्लीयरेंस के नाम पर रकम जमा करवानी होगी। संतोष कुमार ने बैंक खाते और UPI के जरिए 23.56 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
घटना के बाद बुजुर्ग को मानसिक रूप से परेशान किया गया। लगातार वीडियो कॉलिंग, धमकियां और नकली दस्तावेज भेजे गए। लेकिन जब उन्हें एक बैंक कर्मचारी ने संदिग्ध ट्रांजेक्शन के बारे में आगाह किया, तब जाकर उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।
जयपुर पुलिस की साइबर सेल और जवाहर सर्किल थाना ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। होटल की सीसीटीवी फुटेज और रजिस्ट्रेशन डेटा के आधार पर अब तक दो ठगों की पहचान हो चुकी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ठगों का नेटवर्क अंतरराज्यीय और संभवतः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला है।
यह एक नया साइबर ठगी का तरीका है, जिसमें ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताते हैं और किसी भी व्यक्ति को झूठे केस में फंसा देने की धमकी देते हैं। इसके बाद वे वीडियो कॉल, नकली कोर्ट पेपर और ऑनलाइन ट्रायल दिखाकर मानसिक दबाव बनाते हैं, जिससे पीड़ित डर के मारे पैसे ट्रांसफर कर देता है।
अनजान कॉल या अंतरराष्ट्रीय नंबर से आए धमकी भरे फोन को नजरअंदाज करें
किसी भी मामले में होटल, कोर्ट या पुलिस स्टेशन के अलावा पैसे ट्रांसफर न करें
तुरंत नजदीकी साइबर सेल या 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत करें
यह केस यह साबित करता है कि साइबर ठगों की चालें अब सिर्फ टेक्निकल नहीं, बल्कि थिएटर जैसा अनुभव देने वाली हो गई हैं। ऐसे में आम नागरिकों को चाहिए कि वे सतर्क रहें, और किसी भी अनजान संपर्क पर आंख बंद कर भरोसा न करें।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.