नीट में 60 लाख में डमी कैंडिडेट बैठाया, AIIMS जोधपुर में हुआ MBBS में एडमिशन: दो डॉक्टर और एक स्टूडेंट गिरफ्तार

जयपुर। देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET (यूजी) को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जयपुर पुलिस ने चौमूं थाना क्षेत्र में छापेमारी करते हुए दो डॉक्टरों और एक मेडिकल स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने 60 लाख रुपए लेकर NEET में डमी कैंडिडेट बैठाया और फर्जी तरीके से परीक्षा पास करवाई। इतना ही नहीं, इस फर्जीवाड़े के दम पर आरोपी ने AIIMS जोधपुर में MBBS में एडमिशन भी ले लिया।


डमी कैंडिडेट बैठाने का 60 लाख में सौदा

पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी अभ्यर्थी की जगह एक और व्यक्ति को NEET परीक्षा में बैठाया गया। इसके लिए 60 लाख रुपए की डील हुई थी। आरोपी डॉक्टरों और छात्र ने मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया, जिससे परीक्षा पास कर एमबीबीएस में दाखिला संभव हो सका।


AIIMS जोधपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान तक पहुंच गया फर्जी डॉक्टर

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि परीक्षा पास करने के बाद फर्जी उम्मीदवार ने AIIMS Jodhpur जैसे टॉप मेडिकल कॉलेज में MBBS कोर्स में दाखिला ले लिया। पुलिस का कहना है कि यदि समय पर यह मामला सामने नहीं आता, तो आने वाले समय में एक फर्जी डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहा होता।


आरोपी कौन हैं?

पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से दो पहले से ही डॉक्टर हैं, जबकि एक मेडिकल स्टूडेंट है। तीनों को पुलिस रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की जा रही है। यह भी जांच की जा रही है कि इसके पीछे कोई बड़ा रैकेट तो नहीं है।


तकनीकी टीम और दस्तावेजों से खुला फर्जीवाड़ा

पुलिस को जब इस फर्जीवाड़े की भनक लगी, तो उन्होंने NEET परीक्षा फॉर्म, फिंगरप्रिंट, और फेस रेकग्निशन सिस्टम के जरिए जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में ही कई गड़बड़ियां उजागर हो गईं। इसके बाद तकनीकी टीम की मदद से पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया गया।


शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर देश की शिक्षा प्रणाली और मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। AIIMS जैसे टॉप संस्थान में फर्जीवाड़े से दाखिला मिलना सिस्टम की कमजोरियों की ओर इशारा करता है।


आगे की कार्रवाई

पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस तरह के और भी केस सामने आ सकते हैं। साथ ही, मेडिकल कॉलेज प्रशासन को भी मामले की जानकारी दी गई है। AIIMS जोधपुर में दाखिला निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।


निष्कर्ष

NEET परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर AIIMS जैसे संस्थान में प्रवेश लेने की यह घटना बेहद गंभीर है। अगर पुलिस समय रहते कदम न उठाती, तो यह फर्जी डॉक्टर भविष्य में मानव जीवन से खिलवाड़ कर सकता था। अब देखना होगा कि क्या सरकार और शिक्षा संस्थाएं ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाती हैं या नहीं।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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