जानकारी के अनुसार, आरोपी शातिरों ने होटल में आयोजित सेमिनार के दौरान निवेशकों को आकर्षित करने के लिए आधुनिक और प्रोफेशनल वेबसाइट तथा सॉफ्टवेयर दिखाए। निवेशकों को यह भरोसा दिलाया गया कि वे सुरक्षित और दोगुने मुनाफे वाले निवेश के माध्यम से लाभ कमा सकते हैं। कई निवेशक इस बात में फंस गए और बड़ी रकम निवेश कर दी।
शुरुआत में तो सब कुछ वैसा ही लगा जैसा ठगों ने दिखाया था, लेकिन जल्द ही उन्होंने अपना कार्यालय बंद कर दिया और फरार हो गए। इस धोखाधड़ी की वजह से कई निवेशकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। पीड़ितों में से एक व्यक्ति रातानाडा थाना पहुंचा और ठगी की शिकायत दर्ज कराई। लेकिन शिकायत दर्ज कराने के बाद भी पुलिस की ओर से उचित कार्रवाई न होने से पीड़ितों में रोष व्याप्त है।
रातानाडा थाने के अधिकारियों ने मामले की जानकारी ली है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि, पीड़ितों की मांग है कि इस मामले में तेज़ और प्रभावी कार्रवाई हो ताकि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जा सके और निवेशकों को न्याय मिल सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश करते समय हमेशा सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी तरह के भारी लाभ का दावा करने वाले लोगों पर भरोसा करने से पहले जांच-पड़ताल जरूर करनी चाहिए। सरकारी अथॉरिटी या मान्यता प्राप्त संस्थानों के माध्यम से ही निवेश करना सुरक्षित होता है।
जोधपुर में हुई इस ठगी की घटना निवेशकों के लिए एक चेतावनी है कि वे जल्दबाजी में भरोसा न करें और अपने निवेश निर्णय सोच-समझकर लें। पुलिस से भी अपेक्षा की जाती है कि वे इस मामले को प्राथमिकता देकर आरोपियों को जल्द पकड़ें।
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