राजीव खंडेलवाल ने कहा—
“मैं वो एक्टर नहीं हूं जो सिर्फ स्क्रीन पर दिखने के लिए कोई भी रोल कर लेता है। मैं जब कोई प्रोजेक्ट चुनता हूं तो उसमें आत्मा और भावनाओं की तलाश करता हूं। दर्शकों को सच्चाई से जोड़ना मेरा मकसद है, न कि बस चेहरा दिखाना।”
अभिनेता ने साफ कहा—
“सोशल मीडिया एक तरह की गुलामी है। लोग वहां लाइक्स और फॉलोअर्स की संख्या से अपनी पहचान तय करने लगे हैं। मैं उस सिस्टम का हिस्सा नहीं बनना चाहता। मुझे अपनी पहचान के लिए किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म की जरूरत नहीं।”
राजीव का मानना है कि आज के दौर में कलाकारों पर लगातार सोशल इमेज का दबाव है, जो असली अभिनय से ध्यान हटाता है।
वो हर प्रोजेक्ट में कहानी और किरदार की गहराई पर फोकस करते हैं।
राजीव ने बताया कि जयपुर उनका पसंदीदा शहरों में से एक है—
“जयपुर एक सुकून देने वाला शहर है। जब भी यहां आता हूं, नई ऊर्जा और सकारात्मकता महसूस करता हूं।”
उन्होंने आने वाली एक वेब सीरीज का जिक्र करते हुए कहा कि यह पूरी तरह इमोशन और सस्पेंस से भरी है। जल्द ही इसपर ऑफिशियल अनाउंसमेंट होगी।
राजीव खंडेलवाल का यह स्पष्ट स्टैंड कि वे किसी सोशल ट्रेंड के गुलाम नहीं बनना चाहते, उन्हें अन्य कलाकारों से अलग करता है। उनकी ये सोच आने वाले युवा कलाकारों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है कि दिखावे से हटकर आत्मा से काम करना ही सच्चा अभिनय है।
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