'मैं मदद के लिए चिल्लाती रही, वो होटल बाहर से बंद करके भाग गए', अजमेर अग्निकांड में पति की मौत के बाद पत्नी ने दर्ज कराई FIR

अजमेर (राजस्थान) : अजमेर के डिग्गी चौक इलाके में स्थित होटल नाज में हुए भीषण अग्निकांड की चपेट में आकर चार जायरीनों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद अब दिल्ली से आई एक महिला ने होटल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए अजमेर के क्लॉक टावर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। महिला का दावा है कि आग लगने के बाद होटल को बाहर से बंद कर कर्मचारी भाग गए, जिससे उसके पति की जान चली गई।

रेहाना की आपबीती: "मैं मदद के लिए चिल्लाती रही"
एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला रेहाना (37) ने बताया कि वह अपने पति और डेढ़ साल के बेटे के साथ अजमेर दरगाह पर जियारत के लिए आई थीं। होटल नाज की चौथी मंजिल पर स्थित कमरा नंबर 203 में वे ठहरे थे। उनके मुताबिक होटल में लापरवाही की हद पार थी — जगह-जगह लटकते बिजली के तार, फायर सेफ्टी उपकरणों की अनुपस्थिति और कोई इमरजेंसी इंतजाम नहीं था।

"दरवाजा नहीं खुला, धुएं से दम घुटने लगा"
रेहाना ने बताया कि सुबह करीब 8 बजे शोर-शराबे से उनकी नींद टूटी। उन्होंने देखा कि कमरे में धुआं भरता जा रहा था। उन्होंने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं खुला। कुछ ही मिनटों में पूरा कमरा धुएं से भर गया।

बेटे को बचाया, पति की मौत
रेहाना ने कहा, "मेरे पति ने खिड़की का कांच तोड़ा, चादरें और गद्दे नीचे फेंके ताकि हम कूद सकें। हमने बेटे को कपड़ों में लपेट कर नीचे फेंका — उसे सिर में गंभीर चोट आई। इसके बाद पति कूदा लेकिन तारों में उलझ गया और सिर के बल गिरा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।"

होटल कर्मचारियों पर गंभीर आरोप
रेहाना का आरोप है कि जब वह और उसका परिवार जान बचाने के लिए चीख रहे थे, तब होटल स्टाफ ने न केवल कोई मदद नहीं की, बल्कि होटल को बाहर से बंद करके भाग निकले। यह आरोप होटल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है।

पुलिस जांच शुरू, एफआईआर दर्ज
रेहाना की शिकायत के आधार पर अजमेर पुलिस ने होटल मालिक, मैनेजिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


निष्कर्ष:

अजमेर जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों में अगर होटल सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है, तो ऐसी घटनाएं केवल हादसा नहीं बल्कि आपराधिक लापरवाही बन जाती हैं। इस मामले में एफआईआर के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन और न्याय व्यवस्था किस हद तक दोषियों को सजा दिलाने में सफल होती है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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