BAP विधायक जयकृष्ण पटेल घूसखोरी के आरोप में रंगे हाथ पकड़े गए: एंटी करप्शन ब्यूरो ने 20 लाख की घूस के साथ किया गिरफ्तार

राजस्थान — राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बागीदौरा (बांसवाड़ा) विधानसभा से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह मामला राज्य में एक ऐतिहासिक घूसखोरी घटना के रूप में सामने आया है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है।


20 लाख की घूस के साथ विधायक की गिरफ्तारी

जांच एजेंसी एसीबी ने 4 मई (रविवार) को बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल को उस समय गिरफ्तार किया जब वह अपनी कार में बैठकर घूस की रकम गिन रहे थे। उनके पास से 20 लाख रुपये की घूस की रकम बरामद की गई, और नोटों के रंग से उनके हाथ भी रंगे हुए थे, जो घूसखोरी की पुष्टि कर रहे थे।

एसीबी के अधिकारियों के अनुसार, यह राशि एक ठेकेदार से रिश्वत के तौर पर ली गई थी। विधायक पटेल ने इस रकम के बदले ठेकेदार को सरकारी कामों में मदद देने का वादा किया था।


राजस्थान में पहली बार विधायक को रंगे हाथ पकड़ा गया

राजस्थान में यह पहली बार हुआ है जब किसी विधायक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। एसीबी की यह कार्रवाई राजनीतिक और प्रशासनिक जगत में एक बड़ा संदेश है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्ती को उजागर करती है।


घूसखोरी के खिलाफ एसीबी की सख्त कार्रवाई

एसीबी के प्रमुख ने बयान जारी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एजेंसी की लड़ाई जारी रहेगी। "हम घूसखोरी की सख्त निंदा करते हैं और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि जयकृष्ण पटेल की गिरफ्तारी से यह संदेश जाता है कि राजस्थान में कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी बड़ा हो, भ्रष्टाचार से बच नहीं सकता।


आरोपियों की आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया

गिरफ्तारी के बाद, जयकृष्ण पटेल को जमानत नहीं मिल सकी और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एसीबी अब इस मामले में और गहरी जांच कर रही है और अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

पटेल पर आत्मनिर्भरता के नाम पर वसूली और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत के आरोप भी लग सकते हैं। इसके अलावा, एसीबी ने उन सभी मामलों की जांच करने का भी ऐलान किया है, जिसमें पटेल की संलिप्तता हो सकती है।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

विधायक की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं और मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। वहीं, बीजेपी और अन्य विरोधी दलों ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सख्ती अब तक असरदार नहीं रही।


निष्कर्ष

जयकृष्ण पटेल की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन अब और भी सख्त हो गया है। इस कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अन्य भ्रष्ट व्यक्तियों के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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