लेफ्टिनेंट जनरल राठी ने कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व कोणार्क युद्ध स्मारक पहुंचकर देश की रक्षा में बलिदान देने वाले शहीद वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने पुष्पांजलि अर्पण कर, राष्ट्र और सेना के प्रति अपनी अटूट निष्ठा और कर्तव्यबोध व्यक्त किया।
सेना मेडल (SM) और विशिष्ट सेवा मेडल (VSM) से सम्मानित
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र
सेना की विभिन्न रणनीतिक और परिचालन इकाइयों में दी सेवाएं
सीमावर्ती क्षेत्रों में वर्षों का अनुभव
सेना मुख्यालय और अंतरराष्ट्रीय सैन्य प्रशिक्षणों में भी अहम भूमिका
कोणार्क कोर, जिसे दक्षिण पश्चिम कमान का हिस्सा माना जाता है, का मुख्यालय जोधपुर में स्थित है। यह कोर भारत की रणनीतिक पश्चिमी सीमा की सुरक्षा और मेक इन इंडिया रक्षा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाती है। यह सेना की सबसे सशक्त और तकनीकी रूप से उन्नत कोर में से एक मानी जाती है।
लेफ्टिनेंट जनरल राठी के आगमन पर सैन्य अधिकारियों और जवानों में नवीन ऊर्जा और प्रेरणा का संचार देखा गया। उन्हें एक अनुशासित, दृढ़ और दूरदर्शी सैन्य नेता के रूप में जाना जाता है, जिनके नेतृत्व में कोणार्क कोर नई ऊंचाइयों को छूने की उम्मीद की जा रही है।
कोणार्क कोर को एक अनुभवी और बहादुर सेनापति के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल एवीएस राठी के रूप में नया नेतृत्व मिला है। यह तैनाती न केवल सेना के लिए बल्कि राजस्थान और खासकर जोधपुर के लिए गर्व का विषय है।
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